भस्म लगाने के सही नियम: जानिए कब, कैसे और कहाँ लगानी चाहिए विभूति

भस्म (विभूति) केवल एक राख नहीं, बल्कि शिवभक्ति का पवित्र चिन्ह है। इसे शरीर पर लगाना हिंदू धर्म में आध्यात्मिक शुद्धता, ऊर्जा सुरक्षा और आत्म-जागरण का प्रतीक माना जाता है।लेकिन क्या आप जानते हैं कि भस्म लगाने के भी कुछ नियम होते हैं? अगर ये नियम सही तरीके से न निभाए जाएँ, तो इसका प्रभाव […]

भस्म का महत्व शिव पूजा में: जानिए क्यों चढ़ाई जाती है राख भगवान शिव को

भगवान शिव की पूजा जितनी रहस्यमयी है, उतनी ही आध्यात्मिक और गूढ़ भी। शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र के साथ जो एक और सबसे अहम चीज चढ़ाई जाती है — वह है भस्म।लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि शिव पूजा में भस्म का इतना महत्व क्यों है? यह सिर्फ राख नहीं, बल्कि सनातन परंपरा […]

भगवान शिव को भस्म क्यों चढ़ाते हैं? जानिए इसका पौराणिक महत्व और रहस्य

भगवान शिव को भस्म क्यों चढ़ाई जाती है? भस्म, जिसे विभूति या राख भी कहा जाता है, शिवभक्तों के लिए आस्था और साधना का गहरा प्रतीक है। शिव जी को भस्म चढ़ाने की परंपरा हजारों वर्षों से चली आ रही है। यह केवल एक धार्मिक रिवाज नहीं, बल्कि आध्यात्मिक दृष्टि से बेहद गहरा और रहस्यमयी […]

शिवलिंग पर बेलपत्र क्यों चढ़ाते हैं? जानिए धार्मिक, पौराणिक और वैज्ञानिक कारण

शिवलिंग पर बेलपत्र क्यों चढ़ाया जाता है? – एक गहराई से जुड़ा आध्यात्मिक रहस्य भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र का स्थान अत्यंत विशेष होता है। कोई भी शिव भक्त जब मंदिर जाता है, तो शिवलिंग पर जल चढ़ाने के साथ-साथ बेलपत्र (बिल्वपत्र) चढ़ाना नहीं भूलता। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर बेलपत्र […]

“शिवलिंग की पूजा सही तरीके से कैसे करें? जानिए विधि, सामग्री और महत्व”

शिवलिंग की पूजा कैसे करें? संपूर्ण विधि और सही तरीका भगवान शिव की पूजा का सबसे प्रमुख और लोकप्रिय रूप है शिवलिंग की पूजा।यह पूजा न केवल श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि ध्यान, ऊर्जा और आत्मिक शुद्धि का भी माध्यम है।लेकिन अक्सर लोग यह सवाल करते हैं —“शिवलिंग की पूजा सही तरीके से कैसे करें?”क्या […]

“शिवलिंग की पूजा क्यों की जाती है? जानिए इसके आध्यात्मिक, पौराणिक और वैज्ञानिक रहस्य”

शिवलिंग की पूजा क्यों की जाती है? हिंदू धर्म में शिवलिंग की पूजा अत्यंत पवित्र और रहस्यमय मानी जाती है।कई लोग इसे सिर्फ एक पत्थर या प्रतीक मानते हैं, लेकिन शिवलिंग वास्तव में अनंत ब्रह्मांड की चेतना का प्रतीक है। यह कोई मूर्त रूप नहीं, बल्कि निराकार शिव का साक्षात प्रतीक है।इस ब्लॉग में हम […]

लिंगरूप शिव: जब निराकार शिव सृष्टि का केंद्र बनते हैं

सनातन धर्म की गहराई और रहस्यवाद में सबसे रहस्यमय और आध्यात्मिक स्वरूप है – लिंगरूप शिव।यह वह रूप है जो न तो पूर्ण रूप से दृश्य है, न अदृश्य,जो न आदि है, न अंत,जो सृष्टि, स्थिति और संहार – तीनों का मूल है। शिवलिंग क्या है? ‘लिंग’ का अर्थ है “संकेत”, या “प्रतीक”। शिवलिंग न […]

पशुपतिनाथ: समस्त जीव-जंतुओं के रक्षक और पालनकर्ता भगवान शिव

भगवान शिव के अनेक रूप हैं — कहीं वे रूद्र हैं, कहीं भोलेनाथ, कहीं महाकाल तो कहीं नीलकंठ।इन्हीं महान स्वरूपों में से एक है – पशुपतिनाथ, जिसका अर्थ है — “समस्त जीवों के स्वामी”। यह स्वरूप न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सनातन धर्म के उस मूल तत्व को दर्शाता है […]

दक्षिणामूर्ति: शिव का वह स्वरूप जो स्वयं सनातन ज्ञान के स्रोत हैं

हिंदू धर्म में भगवान शिव को केवल एक संहारक या योगी के रूप में नहीं देखा जाता, बल्कि वे ज्ञान के सर्वोच्च गुरु भी माने जाते हैं।जब शिव गुरु के रूप में प्रकट होते हैं, तो उन्हें कहा जाता है — “दक्षिणामूर्ति”। यह स्वरूप उन लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है जो आध्यात्मिक मार्ग, […]

नीलकंठ शिव: सृष्टि की रक्षा के लिए विषपान करने वाला देव

भगवान शिव को जितने नामों से जाना जाता है, हर नाम के पीछे एक गहरी पौराणिक और दार्शनिक कथा छिपी होती है। उन्हीं में से एक अत्यंत प्रसिद्ध और पूजनीय नाम है — नीलकंठ।यह नाम भगवान शिव को तब मिला जब उन्होंने सृष्टि की रक्षा के लिए कालकूट विष का सेवन किया और उसे अपने […]