क्या आपके जीवन में बार-बार रुकावटें आ रही हैं?
हर कोशिश के बाद भी सफलता नहीं मिलती?
शायद कारण है – काल सर्प दोष।
काल सर्प दोष क्या होता है?
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जब जन्म कुंडली के सभी ग्रह राहु और केतु के बीच फँस जाते हैं, तो उसे काल सर्प दोष कहा जाता है। यह दोष जीवन के हर क्षेत्र में बाधाएं उत्पन्न कर सकता है — करियर, शादी, स्वास्थ्य, धन और मानसिक शांति तक।
क्यों इतना प्रभावशाली होता है काल सर्प दोष?
राहु और केतु को छाया ग्रह माना जाता है। इनका स्वभाव रहस्यमय और करात्मक (karmic) होता है। जब ये सभी ग्रहों को अपने बीच घेर लेते हैं, तो:
- व्यक्ति की मेहनत का फल नहीं मिलता
- अचानक दुखद घटनाएं होती हैं
- सपनों में सांप दिखना, डर और चिंता बनी रहती है
- रोग और मानसिक बेचैनी पीछा नहीं छोड़ते
काल सर्प दोष के सामान्य लक्षण:
- सपनों में बार-बार साँप देखना
- करियर में बार-बार रुकावट
- विवाह में देरी या समस्याएं
- अचानक धन हानि
- परिवार में अशांति या स्वास्थ्य समस्याएं
- विदेश जाने की कोशिशें असफल होना
क्या सभी के लिए होता है यह दोष समान?
नहीं। काल सर्प दोष के भी कई प्रकार होते हैं – जैसे अनंत, कुलिक, वासुकी, शंखपाल आदि – और हर प्रकार का प्रभाव अलग-अलग होता है। इसीलिए इसकी सटीक पहचान और शुद्ध समाधान आवश्यक है।
क्यों करें काल सर्प दोष निवारण?
1. ग्रहों को संतुलित करने के लिए
पूजा और विधिवत अनुष्ठान से राहु-केतु की शांति होती है, जिससे अन्य ग्रहों पर उनका बुरा प्रभाव कम होता है।
2. जीवन की रुकावटें दूर करने के लिए
काल सर्प दोष निवारण के बाद व्यक्ति को मानसिक राहत, करियर में प्रगति और पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती है।
3. आध्यात्मिक ऊर्जा के लिए
जब पूजा पवित्र तीर्थ स्थलों पर की जाती है — जैसे उज्जैन, काशी या त्र्यंबकेश्वर — तो उसका प्रभाव कई गुना अधिक होता है। ये स्थान तांत्रिक, वैदिक और शिव-संहिता के अनुसार अत्यंत शक्तिशाली माने जाते हैं।
निष्कर्ष:
काल सर्प दोष कोई सामान्य ग्रह दोष नहीं है। यह आपके जीवन की दिशा और दशा दोनों को प्रभावित कर सकता है।
यदि आपकी कुंडली में इसके संकेत मिल रहे हैं, तो जल्द से जल्द उचित ज्योतिषीय परामर्श लेकर समाधान करें।
क्योंकि कभी-कभी, रुकावटों का कारण सिर्फ कर्म नहीं होता… ग्रहों की चाल भी जिम्मेदार होती है।